गुरुवार, 5 अगस्त 2010

एक चिट्ठी कलमाड़ी ‘जी’ के नाम

आदरणीय सुरेश कलमाड़ी जी
नमस्कार
मैं एक अदना सा पत्रकार हूं। इतनी तनख्वाह मिलती है कि घर चल जाता है, लेकिन कॉमनवेल्थ की तैयारियों पर हो रहे खर्चे को लेकर लालच आ रहा है। सोचता हूं कि बहती नदिया में हाथ धुल जाता तो थोड़ा भला हो जाता। और इसके लिए आपको तहे दिल से भी शुक्रिया अदा करता, लेकिन आप तो इतने बड़े और रसूखदार हैं कि पहुंच ही आसान नहीं है। आपका फोन नंबर तो है, लेकिन अपने मोबाइल से फोन करने में डर लगता है। कल को बात उलटी ना पड़ जाए। वैसे जितने रसूखदार लोग आपके साथ खेलों की तैयारियों का खेल कर रहे हैं, उससे लगता नहीं है कि कल को कुछ उलटा होगा, और अगर हुआ भी तो आप तो संभाल ही लेंगे। आपके पास समय कम होगा, इसलिए सीधे मुद्दे पर आता हूं। दरअसल जितने किराए पर खेलों के लिए सामान जुटाया जा रहा है, उसने मुझे आकर्षित किया है। मेरे पास भी एक फ्रिज है, 165 लीटर का, जितने में आपने सौ लीटर का किराए पर लिया है, उतने पर ही मैं भी दे दूंगा। एक कंप्यूटर भी है, खेलों के दौरान डाटा एंट्री के काम आ सकता है, चाहें तो वो भी किराए पर ले सकते हैं, जो भी बनेगा दे दीजिएगा। हालांकि मैं एक लाख रूपये किराए की उम्मीद कर रहा हूं। एक टीवी भी है, जिसमें एयरटेल का कनेक्शन लगा है, आप चाहें तो खेल गांव में लग सकता है, ब्रांडेड है, यही कोई बाइस हजार का किराया दे दीजिएगा। इससे ज्यादा नहीं लूंगा। चाय बनाने के लिए गैस चूल्हा और सिलेंडर भी चाहिए तो वो भी तीस हजार तक में दे दूंगा। इसके अलावा अगर खिलाड़ियों के रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए सस्ते कपड़े चाहिए तो वो भी मेरे काम आ सकते हैं, सिर्फ अठाइस हजार रूपये के किराए पर दे सकता हूं। दो कमरे और एक हॉल वाला घर है, खिलाड़ियों को ठहराने के काम आ सकता है, इसके लिए मैंने चार लाख रूपये सोचे हैं, अगर जंचे तो बात कीजिएगा। जो कमीशन होगा, वो दिया जाएगा। इसमें शर्म की कोई बात नहीं है, भारत सरकार भी तो कमीशन देती है खरीद फरोख्त करने में तो फिर किराए पर लेने में कमीशन क्यों नहीं बनेगा। क्योंकि इसी से तो घर चलना है। सोचिएगा, बताईगा। मेरा नंबर है 09811343224। मैं सीरियस हूं। जंचे तो फोन करें।
राजन कुमार अग्रवाल

2 टिप्‍पणियां:

रोहित कुमार ने कहा…

राजन भाई वैसे तो कलमाड़ी साहब और उनके मातहतों के पास पैसा गिनने से फुर्सत नहीं है...लेकिन भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वो लोग आपका ब्लॉग पढ़े...और कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म होने के बाद आपका नाम भी किसी चैनल के की ग्राफिक्स प्लेट में देखूं...तभी अहसास होगा कि हमारा भाई बड़ा आदमी बन गया है...बड़े-बड़े घूस खोरों के साथ ग्राफिक्स प्लेट में नाम जो आएगा...

Unknown ने कहा…

साला इतना कुछ एक पत्रकार के पास..?? दो कमरे और एक हाल वाला मकान भी...!! गजब है...!
कहाँ से जुगाडेयो भाई..!! कौन सी पत्रकारिता करते हो ?? हा हा हा...!