रविवार, 7 फ़रवरी 2010

पीएम बोलते रहे, सीएम सोते रहे

दिल्ली के विज्ञान भवन में आतंरिक सुरक्षा के मुद्दे पर देश भर के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन चल रहा था। पीएम बोल रहे थे, नक्सलवाद को देश की सबसे बड़ी समस्या बता रहे थे, घुसपैठ रोकने का उपाय बता रहे थे, लेकिन सीएम साहब सो रहे थे! जी हां, ये हैं केरल के मुख्यमंत्री वीएस अच्यूतानंदन। आंतरिक सुरक्षा पर हो रही बैठक में शिरकत करने खास तौर से दिल्ली पहुंचे थे। लेकिन केरल से दिल्ली आने में ही ये इतना थक गए कि पीएम के भाषण के दौरान इन्हें नींद आ गई। ऐसे में कैसे होगी आंतरिक सुरक्षा पर बहस? पीएम देश के मुख्यमंत्रियों से गुजारिश कर रहे थे कि आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने में राज्य केंद्र सरकार का साथ दें। क्या अच्यूतानंदन ऐसा साथ देंगे? जब राज्य का मुखिया ही सो जाएगा तो नौकरशाहों को कौन जगाएगा? पीएम बोलते रहे, सीएम साहब सोते रहे। वो भी तब जब पीएम साहब नक्सल को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बता रहे थे, तभी नक्सल प्रभावित राज्य केरल के सीएम साहब को नींद आ गई। कैसे मिटाएंगे नक्सल समस्या, कैसे पाएंगे माओवादियों से निजात? बड़ा सवाल है, उससे भी बड़ी है जिम्मेदारी, जो अच्यूतानंदन कैसे निभा रहे हैं, ये बताने की जरूरत नहीं।

4 टिप्‍पणियां:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

सोना केवल भाषण ही के दौरान हो, यह भी तो ज़रूरी नहीं...

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

वसे जाग कर भी क्या करते?नेता लोगों को भाषण के अलावा कुछ करना भी नहीं है.... *आपके ब्लॉग की घडी सही टाइम नहीं बता रही ..

Dev ने कहा…

इस बात से पता चलता है ...की ऐसे लोग कितने ज़िम्मेदार है जनता के लिए .

Unknown ने कहा…

दिक्कत तो यही है राजन भाई... जब सी एम् बोलते हैं तो पी एम् सो जाते हैं और जब पी एम् बोलते हैं तो सी एम्...!
संविधान का प्रथम नियम यही है शायद.. सोना नेताओं का अधिकार और आदत है...!!! (दोनों तरह का सोना)