सोमवार, 8 जून 2009

4. पत्रकार परांठें वाला?

पत्रकार परांठें वाला चर्चित हो रहा है। पाठक पूरी सक्रियता से उनका मनोबल बढ़ाने में लगे हैं। उनके पाठक उनके करीब तीन साल पुराने सपने को साकार होते हुए देखना चाहते हैं। उनके जिन पाठकों ने अब तक उन्हें चिट़ठी लिखी है वे सभी पेशे से पत्रकार हैं, लेकिन विडंबना है कि वे सभी परेशान भी हैं, और अब वे भी अपने पेषे का कोई विकल्प चाहते हैं। सभी पत्रकार पाठकों ने उनसे परांठें की दुकान खोलने के विचार को मूर्त रूप में साकार करने का निवेदन किया है। कुछ उनके काम में हाथ बंटाने को इच्छुक हैं तो कुछ उनके ग्राहक बनने को। परांठें वाले पत्रकार महोदय के पत्रकार पाठकों में से एक ने तो उनसे मैन्यू कार्ड भी बताने को कहा है, ताकि वे अभी से ही उन परांठों का स्वाद ले सकें, जो अभी भविश्य के गर्भ में ही हैं। वे कब मूर्त रूप लेंगे ये मालूम नहीं है। खैर, सहृदय पाठकों का आग्रह कभी तो उन्हें झकझोरेगा, कभी तो उनकी आत्मा भी जागेगी और जब ऐसा होगा वे अपने पाठकों को अपने परांठों का स्वाद चखाएंगें। फिलहाल तो उन्होंने अपने पाठक के विनम्र आग्रह पर अपने परांठों का मैन्यू कार्ड भेज दिया है। और इसे अपने इलाके में षेयर करने को कहा है। तो पाठकों की मांग और परांठें वाले पत्रकार की इच्छा पर ये मैन्यू दिया जा रहा है -
१- सतू परांठा - 20 रू. ( मैन्यू में सतू परांठें को पहला स्थान दिया गया है। दरअसल, सतू को बिहार का हाॅर्लिक्स भी कहा जाता है और ये चने से बनता है। बिहार में सतू का इस्तेमाल कई रूप में किया जाता है। जैसे दिल्ली वाले फास्ट फूड के दीवाने हैं, कुछ उसी तरह की दीवानगी बिहारवासियों में सतू के लिए होती है। तो उनकी जेब को ही देखते हुए इसकी कीमत बीस रूपए रखी गई है। मात्रा बढ़ने पर डिस्काउंट मिल सकता है।)
२- आलू परांठा - 15 रू. ( परांठें वाले पत्रकार महोदय के मैन्यू में दूसरे नंबर हैं आलू परांठा। चूंकि आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है तो स्वाभाविक है कि इसकी खपत भी ज्यादा होगी, लिहाजा इसकी कम कीमत और भरपूर खपत को देखते हुए आलू परांठें की कीमत पंद्रह रू. रखी गई है। वैसे भी दिल्ली में आलू परांठें चाहे जहां भी बिक रहा हो, जोर शोर से और डंके की चोट पर बिकता है।)
३- पनीर परांठा- 40 रू. ( आलू के बाद तीसरे नंबर पर है पनीर परांठा। राजधानी में जितनी खपत आलू परांठों की है उससे कम खपत पनीर परांठों की भी नहीं है, बल्कि ये कहें कि पनीर परांठों की मांग ज्यादा है तो गलत नहीं होगा। चूंकि पनीर महंगा है, और इस परांठे में लागत ज्यादा आती है तो परांठें वाले पत्रकार महोदय ने इसकी कीमत ग्राहकों की जेब देखकर ही रखी है, क्योंकि पनीर परांठें खाने की इच्छा रखने वाले छोटे मोटे आसामी तो होंगे नहीं। )
४- प्याज परांठा- 25 रू. (राजधानी में आलू और पनीर परांठों के बाद अगर किसी और चीज के परांठें की मांग है तो वो है प्याज परांठे की। ऐसे में अपने भाई ने प्याज परांठें को भी मैन्यू में षामिल किया है। हालांकि ये चैथे नंबर है। अब उन्होंने अपने बिहार वासियों के लिए थोड़ी सी छूट मांगी थी कि सतू परांठें को पहले नंबर पर रखा जाए। सो उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए उन्हें ये जगह दी गई है।)
५- मिक्स वेज परांठा- कीमत... सब्जियों के रेट के हिसाब से। (परांठे वाले पत्रकार बंधु ने ये नया आईटम अपने मैन्यू में षामिल किया है। इसमें मौसमी सब्जियों को तरजीह दी जाएगी और कई सब्जियां शामिल कर परांठे बनाए जाएंगे। और इस परांठे की कीमत सब्जियों की कीमत के आधार पर तय की जाएगी।)
फिलहाल उन्होंने पांच तरह के परांठों की लिस्ट भेजी है। उन्होंने कहा कि उनके पास और भी आईटम है, लेकिन वो धीरे-धीरे सामने लाएंगे। और हां, मांसाहार करने वालों को भी निराष होने की जरूरत नहीं है। उनके लिए भी बहुत कुछ है, लेकिन वो अगली बार.....

3 टिप्‍पणियां:

deepak sharma ने कहा…

राजन भाई इस कंगाली के दौर में अगर हमारा पनीर के परांठें खाने का मन हुआ तोह नहीं खा पाएंगे कुछ आप्शन तो दो जैसे थाली सिस्टम एक पनीर का एल आलू का परांठा साथ में दही और आचार कीमत लगबग ३० रुपे दुकान जादा चले गी .मेनू पर एक बार फिर से विचार करें पूरी तयारी के साथ उतरना पड़ेगा..........

Bhuwan ने कहा…

मजेदार पोस्ट... भई ये परांठे वाले पत्रकार साहब के मेनू में तो बहुत आइटम हैं...

Bhuwan ने कहा…

अपने इलाके को ब्लागवाणी और चिटठाजगत से जोड़े..