मंगलवार, 25 जून 2013

'आफत के बीच मेले सा रोमांच!'

बौरा गया मीडिया... राहुल जी गुप्तकाशी में हैं... सुना फंस गये हैं... अब वे खबरों में हैं... पीड़ित पीछे छूट गये भैया... सब तरफ राहुल ही राहुल...
हे भगवान, कोई कुछ देता क्यों नहीं... कोई इनको समझाता क्यों नहीं.. गये क्यों थे... लाव लश्कर के साथ... तामझाम से लैस होकर... कोई मेला थोड़े ना लगा था कि बच्चे ने जिद कर ली... 'हमें तो मेला देखने जाना है और मां ने हिदायत देकर भेज दिया। बेटा, ध्यान से जाना। पानी बरस रहा है, पैर ना फिसल जाए!'

अरे! किसी ने मां को ही बता दिया होता- 'बहन जी, मेला नहीं लगा। आफत आई है... घूमने के लिए विदेश में जगह कम है क्या जो उत्तराखंड भेज रही हैं...' लगता है कांग्रेस के रागदरबारियों में ये सलाह देने की भी हिम्मत नहीं बची। और रही सही कसर मीडिया ने पूरी कर दी। राहुल बाबा फंस गये ... गुप्तकाशी में फंसे राहुल बाबा - ब्रेकिंग न्यूज हो गई है। टीवी को क्या चाहिए... एक अदद चेहरा.. और राहुल से खूबसूरत और कुंवारा चेहरा कौन है? चेहरा चमका रहे हैं टीवी वाले... पीड़ितों की खबर ब्रेक के बाद...

(विषयांतर) सलमान खान ही हैं.. वो भी चर्चा में ही हैं

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