गुरुवार, 5 नवंबर 2009

नक्सली, नक्सली और नक्सली

देश भर में नक्सलियों की चर्चा गर्म है
हर तरफ एक ही शोर है
नक्सली, नक्सली और नक्सली।
कभी,
पुलिस वाले को किडनेप कर लिया
तो
कभी
राजधानी जाने वाली एक्सप्रेस के जरिए रखी अपनी बात
लेकिन नहीं पूरी हुई मुराद,
वे अब भी नक्सली ही हैं।
झारखंड के एक नक्सली से पूछा गया-
क्यों कर रहे हो ये सब,
क्यों अड़ा रहे हो विकास की राह में रोड़ा
उसने मायूसी से छोटा सा जवाब दिया-
मधु कोड़ा।

1 टिप्पणी:

Brijesh Dwivedi ने कहा…

वाह वाह ...
मज़ा आ गया...
क्या तुकबंदी की है..
वो भी सच के साथ ...
उसका जवाब लाजवाब है...
और आपकी ये पोस्ट भी..
ब्रजेश द्विवेदी