कई बार कुछ बातें सिर्फ़ कहने के लिए कही जाती है,जिनका कोई मतलब नहीं होता। लेकिन कई बार कुछ बातों का नही होते हुए भी मतलब होता है।
मंगलवार, 26 मई 2009
नेताओं के वादे
चुनाव के दौरान नेताओं के
किए हुए वादे
उतने ही सच हैं,
जितना कटघरे में खड़ा
हर गवाह,
गीता की सौगंध खाने के
बाद बोलता है।
आप कह सकतें हैं कि पूर्वाग्रह है
लेकिन
आप भी हैं
नेता भी हैं
और
मैं भी हूँ.
2 टिप्पणियां:
सही कहा, आप भी हैं हम भी हैं और नेता भी । देखिये कितना सच और कितना झूट ।
WAAH RAJANJI,
WAAH
ACHHA LAGA
badhai...
एक टिप्पणी भेजें